भारत के छोर पर ऐसी सुनसान जगह है जहां से श्रीलंका दिखाई पड़ता है। यह शहर अब "भूतों का शहर" के नाम से भी जाना जाता हैं , क्योंकि इस इलाके में अंधेरा होने के बाद घूमना वर्जित है।
:- यह जगह है तमिलनाडु के रामेश्वरम का धनुषकोडी गांव, जो भारत और श्रीलंका के बीच एकमात्र स्थलीय सीमा है।
:- बालू के रेत पर महज सिर्फ 50 गज में फैला यह गांव दुनिया के सबसे छोटे स्थानों में से एक है।
:- भारी संख्या में टूरिस्ट(विदेशों से भी) हर साल इस भूतों का शहर को देखने आते हैं।
:- यहां आप भारतीय महासागर के गहरे और उथले पानी को बंगाल की खाड़ी के शांत पानी से मिलते हुए देख सकते हैं।
सन् 1964 की सुनामी में तबाह हो गया ये गांव...
:- बीते समय की जिंदगी यहां अभी भी खंडहरों में दिखाई पड़ती है।
:- सन् 1964 के चक्रवात से पहले, धनुषकोडी एक उभरता हुआ टूरिस्ट स्पॉट हुआ था।
:- यहां तक कि सीलोन(अब श्रीलंका में) और धनुषकोडी के बीच यात्रियों और सामान को समुद्र के पार ढोने के लिए कई साप्ताहिक फेरी सेवाएं थीं।
:- इसके अलावा यहां कई होटल, कपड़ों की दुकानें और धर्मशालाएं भी थी, जो सुनामी से तबाह हो गई थी।
#धनुषकोडी में रेलवे स्टेशन भी है -
:- 1964 तक धनुषकोड़ी में रेलवे स्टेशन, एक छोटा रेलवे अस्पताल, एक पोस्ट ऑफिस और कुछ सरकारी विभाग जैसे मछली पालन आदि थे, लेकिन सुनामी से तबाह हो गए।
पौराणिक मान्यता यह है -
:- हिंदू धर्मग्रथों के अनुसार रावण के भाई विभीषण के अनुरोध पर राम ने अपने धनुष के एक सिरे से सेतु को तोड़ दिया और इस प्रकार इसका नाम धनुषकोड़ी पड़ा।
:- एक रेखा में पाई जाने वाली चट्टानों और टापुओं की श्रृंखला प्राचीन सेतु के अवशेष के रूप में दिखाई देती हैं और जिसे राम सेतु के नाम से भी जाना जाता है।
:- कहा जाता है कि काशी की तीर्थयात्रा महोदधि (बंगाल की खाड़ी) और रत्नाकर (हिंद महासागर) के संगम पर धनुषकोटि में पवित्र स्थान के साथ रामेश्वरम में पूजा के साथ ही पूर्ण होगी।
#Dhanuskondi कैसे जाएं...
:- दिल्ली से रामेश्वरम लगभग 2800 KM दूर है, दिल्ली से रामेश्वरम जाने के लिए दो रास्ते हैं या तो आप मदुरै होकर जा सकते हैं या चेन्नई होकर या आप सीधे रामेश्वरम पहुंच सकते हैं।
:- इसके अलावा आप फ्लाइट से भी चेन्नई या मदुरै तक जा सकते है।
🙏 धन्यवाद आपका 🙏
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